Interview: 2023 वर्ल्ड कप छोड़िए, हम 2027 की तैयारी में जुटे हैं, चैंपियन कप्तान-कोच ने भरी हुंकार

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बारबाडोस. क्रिकेट का रोमांचक मैच और वेस्टइंडीज क्रिकेट का उतार चढ़ाव कुछ ऐसा है, जिसका अंदाजा पहले से लगाना नामुमकिन होता है. अब देखिए ना जिस वेस्टइंडीज टीम ने क्रिकेट वर्ल्ड कप (मेंस) के पहले दो खिताब जीते हों, वह 2023 वर्ल्ड कप के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर सकी. लेकिन आधा सच है. क्योंकि इससे वेस्टइंडीज के सिर्फ कमजोर होने का पता चलता है. जबकि यह टीम अपना दिन होने पर किसी भी दिग्गज को ढेर कर देती है. आईसीसी वर्ल्ड कप क्वालीफायर में हारकर घर लौटी इस टीम की ताकत का अंदाजा भारतीय टीम को बखूबी पता है, जिसे 5 मैचों की टी20 सीरीज में पहली बार हार का सामना करना पड़ा. और यह हार उसे वेस्टइंडीज के खिलाफ मिली. वेस्टइंडीज के इस उतार चढ़ाव के सबसे बड़े गवाह डैरेन सैमी भी हैं, जो मौजूदा कैरेबियन टीम के कोच हैं. उन्होंने अपनी कप्तानी में वेस्टइंडीज को टी20 वर्ल्ड कप जिताया है.

वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम को संवारने में जुटे डैरेन सैमी से न्यूज18 हिंदी के लिए विमल कुमार ने खास बात की. पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:

  • पिछले साल जब मैंने आपका इंटरव्यू किया था तो आप एक चैनल से जुड़े हुए थे और आज आप वेस्टइंडीज की वनडे और T20 टीम के हेड कोच हैं. ये बोलना तो आसान है लेकिन सही मायने में ऐसा करना आसान नहीं होता. आपने क्यों ऐसा सोचा कि चलो अब मैदान में उतरकर किया जाए?

    देखो, मेरा मानना है कि अगर आप मौके की बात करें तो मुझे लगता है कि मैं इसी वेस्टइंडीज टीम का साथ देता. आप जानते हैं कि ये चुनौतीपूर्ण काम है. लेकिन एक बार जब मैंने मन बना लिया कि मैं ये करूंगा तो फिर खुद को इसके लिए तैयार करना आसान हो गया. अगर मैं ये कहूं कि इस काम के लिए खुद को तैयार करने का फैसला आसान था तो ये गलत होगा. लेकिन मैं क्रिकेट में आ रही नई पीढ़ी को देखकर बेहद उत्साहित हूं. हम कैसे उनको आगे बढ़ाएं, खासतौर से सीमित ओवर के मैच में कैसे ट्रेन करें, ये चुनौतीपूर्ण है. जाहिर है कि हम वर्ल्ड कप से बाहर हो गए हैं, लेकिन अगले वर्ल्ड कप के लिए तैयारी कर सकते हैं. जो युवा फिलहाल आ रहे हैं और 2027 के वर्ल्ड कप में जितना समय है उसको देखते हुए हमारे पास काफी अनुभवी खिलाड़ी हो जाएंगे. अगले साल के

  • T20 वर्ल्ड कप की तैयारी में जुटे हैं और ऐसी टीम बना रहे हैं जो हमारे लिए मैच जिताए. मैं इस काम को लेकर आज भी बेहद उत्साहित हूं.

  • हां, आपने सही कहा, मेरा सवाल ये है कि अगर वेस्टइंडीज टीम हारती है तो लोग 70 और 80 के दशक के सुनहरे दौर में चले जाते हैं. लेकिन मैं वहां नहीं जाऊंगा, मैं सिर्फ डैरेन सैमी के दौर में जाऊंगा जो बहुत पुराना नहीं है. आपके नेतृत्व में वेस्टइंडीज ने 2 बार T20 वर्ल्ड कप जीता. ऐसे में जब आप बदलाव को लेकर बोलते हैं तो बेहद सकारात्मक होते हैं. साथ ही आप अपने फैंस को भी ये भरोसा दे सकते हैं कि अगर सैमी ने कहा है तो वो कर भी सकते हैं.

  • इसका श्रेय तो मेरे खिलाड़ियों को जाना चाहिए. मेरे समय में T20 फॉर्मेट के प्रोफेशनल हुआ करते थे. सभी के पास पूरा अनुभव था और बेहतरीन प्रदर्शन करते थे. आज हमें पता है कि एक टीम के तौर पर हम कहां हैं? वापस अपनी जगह तक पहुंचने के लिए हमें क्या-क्या कदम उठाना है, क्या-क्या उपाय करना है? ये खिलाड़ियों, टीम मैनेजमेंट, सुविधाए सारी चीजों पर निर्भर करता है. हमें पुरानी जगह तक पहुंचने में समय लगेगा लेकिन मैं जिन चीजों को लेकर बेहद उत्साहित हूं, उनमें से एक है कप्तान शे होप. वो कोई इत्तेफाक से सफल नहीं हुए हैं. वो बेहद मेहनती हैं. आप दूसरे खिलाड़ियों को भी देख लीजिए. कोचिंग स्टाफ के तौर पर हमें ही देख लीजिए. लगातार लगे रहते हैं. युवाओं को सुविधाएं देना, खेल को बेहतर करने की कोशिश करना. मैंने लड़कों से कहा है कि स्मार्ट तरीके से की गई कड़ी मेहनत से सफलता आती है. ये हो सकता है कि अभी मुश्किल लगे लेकिन हम लगातार कड़ी मेहनत के साथ इन रुकावटों को दूर करते गए तो सफलता हमारे करीब होगी.

  • आप चूकि बेहद सफल ऑलराउंडर रहे हैं. ऐसे में ऑलराउंडर्स के लिए खासतौर से अगर आप हार्दिक पांड्या जैसे ऑलराउंडर जिसे बेहद संभालकर रखा गया हो उस पर आपका विरोधी टीम के तौर पर नहीं बल्कि कोच के तौर पर नजरिया क्या होगा?

  • देखो, अगर आपके पास एक अच्छा सिस्टम है तो उससे अच्छे खिलाड़ी आएंगे. जाहिर है सालों की मेहनत के बाद भारत के पास अब बेहतर खिलाड़ी लाने के हर तरह के संसाधन हैं. आप देख सकते हैं कि इन खिलाड़ियों में क्या क्षमता है. हार्दिक पांड्या, जायसवाल जैसे खिलाड़ी लगातार आ रहे हैं. लेकिन आपको ये भी याद रखना चाहिए कि अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में कौन है. ये सच्चाई है. मैं भी चाहता हूं कि हमारे पास भी दुनिया की टॉप टीम के बराबर संसाधन होते. लेकिन हमारे पास जो है उसी के साथ काम कर रहे हैं. भारत के पास एक अच्छा सिस्टम है. आप एक से बढ़कर एक प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आते देख रहे हैं. जो भी अंतर्राष्ट्रीय मैच में आ रहा है वो आगे खेलने के लिए तैयार हैं. दुनिया की बेस्ट टीम के साथ मुकाबले में ये आपका सकारात्मक पक्ष है. ये कोई ऐसे ही नहीं हो गया. इसके लिए एक बेहतरीन सिस्टम काम कर रहा है.

  • आपने भारत के कुछ युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की बात की जो कि चाहे टेस्ट सीरीज में हो या फिर इस सीरीज में, बेहतरीन प्रदर्शन इसलिए करते आए हैं क्योंकि आपस में उनके बीच बेहद जबर्दस्त कंपटीशन होता है. ऐसे में अगर भारत की बात करें तो आपकी नजर में कौन सबसे प्रतिभाशाली दिखा?

  • सच बताऊं तो मैं अपनी टीम को लेकर ज्यादा फोकस हूं. हमारे पास जो है उसको बेहतर बनाना. जाहिर है कि हम अगर उनके खिलाफ खेल रहे हैं तो मुझे उनका खेल देखकर उसके हिसाब से तैयारी भी करनी होती है. मैं कहूंगा कि जायसवाल, शुभमन गिल, संजू सैमसन बेहद प्रतिभाशाली हैं. हार्दिक पांड्या युवा हैं लेकिन टीम के पुराने सदस्य हो चुके हैं. मैं फिर से कहूंगा कि आपके पास सिस्टम है जो कि ऐसे युवा खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सामने लाते रहता है. जायसवाल ने फर्स्ट क्लास सीजन में 9 मैच में 1800 रन बनाए जिसमें 9 शतक शामिल थे. उसके बाद वो डोमिनिका आए और अब ऐसे दिख रहे हैं जैसे वो अंतर्राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रहे हों. ये भारत में फर्स्ट क्लास क्रिकेट, स्थानीय क्रिकेट के स्टैंडर्ड को दिखाता है. इसमें आते ही युवा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार हो जाते हैं. यहीं चीज हम भी करना चाहते हैं.

  • जब मैं बारबाडोस में था तो सभी ये चर्चा कर रहे थे कि भारत ने बारबाडोस में मैच क्यों नहीं खेला. इस मैदान की ऐसी अजेय विरासत रही है. विराट कोहली, रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी. रोहित शर्मा 7 नंबर पर बैटिंग करने आए और विराट कोहली को तो मौका ही नहीं मिला. विराट और रोहित के लिए ये शायद बारबाडोस में आखिरी मैच होगा. इन दोनों को बल्लेबाजी नहीं करते देखकर वेस्टइंडीज के काफी दर्शकों को निराशा हुई होगी.

  • मैं सिर्फ अपनी टीम पर फोकस करना चाहता हूं. ये दोनों भारत के दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं. खासतौर से विराट कोहली और उनके आंकड़े. मुझे आश्चर्य हुआ कि वो बारबाडोस में पहले नहीं खेले हैं. मैं नहीं जानता था. हमने शायद उनको इतने ज्यादा रनों का लक्ष्य नहीं दिया कि विराट या भारतीय टीम के बल्लेबाजों के लिए ये चुनौती बने. लेकिन जो मजबूती विराट और रोहित के साथ ही भारत की पूरी बल्लेबाजी ने दिखाई है, उसके खिलाफ जाकर मुकाबला करना बड़ी बात है.

  • आपने भारतीय सिस्टम, इंफ्रास्ट्रक्चर, टैलेंट के बारे में काफी बोला है. जब आप ड्रेसिंग रूम में जाते हैं, खिलाड़ियों से बात करते हैं तो उनकी ताकत और कमजोरी को लेकर बात होती है. लेकिन आप ये भी बात करते हैं कि ये खिलाड़ी बेहद शानदार है. ऐसे कौन से खिलाड़ी हैं जिनके बारे में आप बात करते हैं, जिनका उदाहरण देते हैं? जाहिर है कि विराट और रोहित के बारे में बात होती होगी लेकिन हर कोई विराट और रोहित तो नहीं हो सकता.

  • अगर मैं अपना गेम प्लान बता दूं तो आप सबकुछ जान जाएंगे. आपको इसके लिए हमारे मैच देखने होंगे. बहुत-बहुत धन्यवाद.

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    FIRST PUBLISHED : August 15, 2023, 09:12 IST

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