पिछले साल 5G का रोलआउट शुरू होने के बाद देश में तेजी से 5जी नेटवर्क का जाल फैला है जो लगभग पूरे देश को कवर कर चुका है। अब सरकार 6G की ओर कदम बढ़ा रही है। Ericsson ने अधिकारिक वेबसाइट पर इस प्रोग्राम के बारे में जानकारी दी है। इसके लिए कंपनी चेन्नई, बैंगलोर, गुरूग्राम की रिसर्च टीम के साथ काम करेगी। इसमें सीनियर रिसर्च लीडर के साथ एक्सपीरियंस्ड रिसर्चर भी शामिल होंगे।
Ericsson की रिसर्च टीम जहां साइबर-फीजिकल सर्विस को सुचारू रूप से चलाएगी, जिसमें नेटवर्क संबंधी गंभीर सेवाएं, रिच कम्युनिकेशन सर्विस, IoT आदि शामिल होंगे। इसकी बदौलत सूचना की उपलब्धता निर्बाध रूप से जारी रहेगी। वहीं भारत की रिसर्च टीम एरिक्सन की ग्लोबल रिसर्च टीम के साथ मिलकर नए सॉल्यूशन विकसित करने में मदद करेगी। इसमें चैनल मॉडलिंग, हाइब्रिड बीमफॉर्मिंग, लो-एनर्जी नेटवर्क, क्लाउड इवॉल्यूशन आदि शामिल होंगे।
Ericsson ने भारत में कई इंस्टीट्यूट्स के साथ भी भागीदारी करने की शुरुआत की है जिसमें रेडियो, AI और क्लाउड रिसर्च के क्षेत्र पर काम होगा। सितंबर 2023 में कंपनी ने IIT मद्रास के साथ इसी कड़ी में डील साइन की थी। जाहिर है कि 5G के बाद देश को अब 6G उपलब्ध करवाने की तैयारी की जाने लगी है। 6G के आने के बाद सेल्फ ड्राइविंग कारों, सुपरफास्ट कम्युनिकेशन, जीपीएस और अन्य इंटरनेट संबंधी सेवाओं को तेजी मिलेगी।
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