RBI ने इससे पहले ऑफलाइन तरीके से कम वैल्यू की डिजिटल पेमेंट्स के लिए 200 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन और 2,000 रुपये प्रति पेमेंट इंस्ट्रूमेंट की कुल लिमिट तय की थी। कम वैल्यू की ट्रांजैक्शंस के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन की जरूरत हटने से UPI Lite और नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (NCMC) जैसे जरियों से जल्द और विश्वसनीय तरीके से ट्रांजैक्शंस की जा सकेंगी। RBI के गवर्नर Shaktikanta Das ने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा, “यूजर्स के लिए डिजिटल पेमेंट्स का एक्सपीरिएंस को बेहतर बनाने के लिए नई टेक्नोलॉजीज के इस्तेमाल के उद्देश्य से ऑफलाइन मोड में कम वैल्यू की डिजिटल पेमेंट्स की लिमिट 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का प्रपोजल दिया गया है। प्रति पेमेंट इंस्ट्रूमेंट कुल लिमिट 2,000 रुपये की होगी। इससे देश में डिजिटल पेमेंट्स का दायरा बढ़ेगा।”
UPI Lite को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और RBI ने पिछले वर्ष शुरू किया था। यह UPI पेमेंट सिस्टम का एक वर्जन है। इसे विशेषतौर पर कम वैल्यू की ट्रांजैक्शंस के लिए डिजाइन किया गया है। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बताया था कि फ्रांस ने UPI का इस्तेमाल करने की सहमति दी है। उन्होंने कहा था कि जल्द ही भारतीय पर्यटक एफिल टावर से UPI का इस्तेमाल कर पेमेंट्स कर सकेंगे। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात, भूटान और नेपाल ने इस पेमेंट सिस्टम को लागू किया था।
मोदी ने कहा था, “फ्रांस के साथ UPI के इस्तेमाल के लिए एक एग्रीमेंट हुआ है। इसकी शुरुआत एफिल टावर से होगी और अब भारतीय पर्यटक UPI के जरिए रुपये में पेमेंट कर सकेंगे।” पिछले वर्ष NPCI ने Lyra कहे जाने वाले फ्रांस के पेमेंट सिस्टम के साथ एक MoU साइन किया था। इस वर्ष की शुरुआत में UPI और सिंगापुर के PayNow के बीच एग्रीमेंट किया गया था। इससे दोनों देशों में यूजर्स को ट्रांजैक्शंस करने की सुविधा मिलेगी।
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