World Cup 2023: विश्व कप 2023 अपने पूरे शबाब पर है. चौकों-छक्कों की बरसात हो रही है. पिच पर लहराती हुई गेंदें बड़े से बड़े बल्लेबाज को घुटने टेकने को मजबूर कर रही हैं. वहीं, घातक से घातक गेंदबाजों के भी पसीने छूट रहे हैं. इस विश्व कप में एक के बाद एक कई रिकॉर्ड टूट रहे हैं तो नए रिकॉर्ड बन भी रहे हैं. चेज मास्टर विराट कोहली जहां सदी के मानतक बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के शतकों के रिकॉर्ड की बराबरी करने की कगार हैं तो भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा कई रिकॉर्ड्स तोड़ चुके हैं. दुनिया के दिग्गज खिलाड़ी फील्डिंग में भी अपने तेवर दिखा रहे हैं, लेकिन इस सबके बीच धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में धड़ाधड़ कैच छूट रहे हैं. लिहाजा, ये सवाल उठना लाजिमी है कि ऐसा क्यों हो रहा है?
धर्मशाला का क्रिकेट स्टेडियम एचपीसीए हिमालय के मनोहारी पहाड़ों पर बनाया गया खूबसूरत स्टेडियम है. लेकिन, विश्व कप 2023 में ये स्टेडियम सभी टीमों के लिए मुसीबत बना हुआ है क्योंकि यहां उछलने वाले कैच आसानी से पकड़ में नहीं आ रहे हैं. कई कैच तो ऐसे छूटे हैं कि एक कहावत ‘हाथ तो आया, मुंह ना लगा’ सही साबित हो जाती है. सिराज ने न्यूजीलैंड पर जीत दर्ज करने के बाद बताया, ‘कप्तान रोहित शर्मा ने साफ कहा था कि हम चार मैच जीत चुके हैं. एचपीसीए स्टेडियम का आउटफील्ड बहुत खराब है. इसलिए कैच छूट जाए तो परेशान नहीं होना है. ध्यान से खेलना है. किसी को इंजुरी नहीं लेनी है.’ एचपीसीए स्टेडियम में लगातार छूट रहे कैच की कोई एक नहीं, कई वजह हैं.
रोहित को धर्मशाला के मैदान में लगी थी चोट
धमर्शाला के मैदान का आउटफील्ड खराब होने के कारण भारत बनाम न्यूजीलैंड मैच की पहली पारी के 10वें ओवर में रोहित शर्मा ने स्लाइड किया तो उनकी उंगली में चोट लग गई. इसके बाद वह थोड़ी देर मैदान के बाहर रहे. बाद में पट्टी बांधकर फील्डिंग करने लगे. रोहित को चोट लगने के बाद टीम इंडिया के बाकी खिलाड़ी सतर्क हो गए. जसप्रीत बुमराह ने चोट से बचने के लिए डाइव नहीं लगाई और न्यूजीलैंड को बाउंड्री मिल गई. भारत की न्यूजीलैंड पर चार विकेट से जीत के बाद सिराज ने बताया कि जब कैच छूटे और फील्डिंग में दिक्कत आ रही थी, तब रोहित भाई ने कहा कि ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. धर्मशाला की आउटफील्ड खराब है.

धमर्शाला के मैदान का आउटफील्ड खराब होने की टीम इंडिया समेत ज्यादातर टीमें शिकायत कर चुकी हैं.
खराब आउटफील्ड पर लगातार उठ रहे सवाल
वर्ल्ड कप 2023 में धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में पहला मैच अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बीच 7 अक्टूबर को खेला गया था. इस दौरान कई खिलाड़ियों को डाइव मारने के दौरान परेशानियों का सामाना करना पड़ा. इसके बाद अंपायर ने इसे औसत दर्जे की आउटफील्ड वाली रेटिंग दे डाली थी. फिर इंग्लैंड और बांग्लादेश के बीच 10 अक्टूबर को धर्मशाला के मैदान में मैच हुआ. इस बार इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने धमर्शाला की आउटफील्ड पर सवाल खड़े किए थे. यही नहीं, मैच के दौरान कॉमेंट्री कर रहे पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर, तेज गेंदबाज इरफान पठान, संजय बांगर समेत ज्यादातर कमेंटेटर यहां की आउटफील्ड पर सवाल खड़े कर चुके हैं.
हाई एल्टीट्यूड पर हवा पतली होने से छूट रहे कैच
भारत और न्यूजीलैंड मैच के दौरान कॉमेंट्री कर रहे पूर्व भारतीय बल्लेबाज गौतम गंभीर ने खुलासा किया कि धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में इतने ज्यादा कैच क्यों छूट रहे हैं? उन्होंने कहा कि धर्मशाला स्टेडियम हाई एल्टीट्यूड पर स्थित है. हाई एल्टीट्यूड पर हवा पतली होती है. लिहाजा, हवा में बॉल उम्मीद से ज्यादा रफ्तार से ट्रैवल करती है. ऐसे में फील्डर्स को बॉल के हवा में ट्रैवल करने की रफ्तार और टच प्वाइंट का सही अनुमान लगाने में दिक्कत होती है. ऐसे में या तो वे सही समय पर बॉल के नीचे नहीं पहुंच पाते और कैच ड्रॉप हो जाता है या बॉल तेज रफ्तार से आने के कारण हाथ में आकर भी छिटक जाती है. हाई एल्टीट्यूड पर कैच लपकने के लिए बॉल की रफ्तार और सरफेस पर टच प्वाइंट का सटीक अनुमान लगाना बेहद जरूरी हो जाता है.
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ऊंचाई पर पतली क्यों हो जाती है हवा?
ऊंचाई पर हवा के पतला होने का पहला कारण गुरुत्वाकर्षण है. दरअसल, पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण हवा को सतह के करीब खींचता है. दूसरा कारण हवा का घनत्व है. जैसे-जैसे ऊंचाई बढ़ती है, हवा में गैस मॉल्यूक्यूल्स की मात्रा कम हो जाती है. ऊंची जगहों पर हवा समुद्र तल के करीब की हवा के मुकाबले कम घनी होती है. ऊंचाई पर एयर मॉल्यूक्यूल्स कम होने के कारण हवा के पतला होने पर बॉल पर घर्षण कम लगता है और बॉल की रफ्तार बैट से निकलने के बाद हवा में बाकी स्टेडियम्स के मुकाबले धर्मशाला में ज्यादा रहती है. बता दें कि हवाई जहाज को भी 40 हजार फीट की ऊंचाई पर इसीलिए उड़ाया जाता है क्योंकि इस एल्टीट्यूड पर हवा बेहद पतली होने के कारण प्लेन अपनी पूरी क्षमता से उड़ पाता है.

धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने को लेकर भी सवाल उठ चुके हैं.
कम रोशनी भी कैच छूटने की है वजह
धर्मशाला के एचपीसीए स्टेडियम में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने को लेकर भी सवाल उठ चुके हैं. दरअसल, स्टेडियम में फ्लड लाइट्स कुछ इस तरह की हैं, जिनसे बीच में तो काफी रोशनी रहती है, लेकिन बाउंड्री के आसपास प्रकाश कम रहता है. इसीलिए रात में इस स्टेडियम में कैच छूटने की आशंका सबसे ज्यादा रहती है. वहीं, आउटफील्ड खराब होने के कारण प्लेयर्स को चोट लगने का डर भी बना रहता है. इसलिए वे ज्यादा कोशिश नहीं करते हैं. इन तमाम वजहों को जानने के बाद आपके मन में सवाल उठ सकता है कि दुबई के स्टेडियम में कैच इतने ज्यादा कैच क्यों छूटते हैं, जबकि वो तो हाई एल्टीट्यूड पर भी नहीं है.
दुबई स्टेडियम में क्यों छूटते हैं कैच
दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में भी बहुत ज्यादा कैच छूटते हैं. इसकी वजह स्टेडियम की लाइटिंग व्यवस्था है. दुबई स्टेडियम में फ्लड लाइट्स स्टेडियम की छत के किनारे चारों तरफ लगाई गई हैं. इनको रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है. छत पर सैकड़ों लाइटें लगी होने से खिलाड़ियों की परछाई भी नहीं बनती है. इन लाइटों के साथ एक बड़ा डिजाइन इश्यू है. जब गेंद हवा में उछलती है तो ये रोशनी सीधी फील्डर्स की आंखों में पड़ती है. आंखें चौंधिया जाने के कारण कई खिलाड़ी ऊंचे कैच छोड़ देते हैं. हालांकि, इस स्टेडियम में सभी मैच शाम 6 बजे ही शुरू होते हैं. इसलिए ये लाइटें दोनों टीमों के लिए समान दिक्कत पैदा करती हैं. समस्या तब बड़ी हो जाएगी, जब यहां दिन-रात के एकदिवसीय मैच खेले जाएंगे.
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FIRST PUBLISHED : October 24, 2023, 12:18 IST